मुल्क में जब भी कोई आतंकवादी हमला हुआ उसका इल्ज़ाम आँख बंद करके मुसलमानों के सर थोप दिया गया, लेकिन जब हकीकत सामने आई तो उन आतंकवादी हमलों के पीछे ऐसे लोगों का हाथ नज़र आया जो अपने अलावा किसी दूसरे को देशभक्त समझते ही नहीं हैं। अधिकतर आतंकवादी हमलों के पीछे ऐसे ऐसे चेहरे हैं जो संघ के बहुत ही करीबी माने जाते हैं/थे. दूसरों को देश भक्ति का आईना दिखाने वाले संघ को जब आतंकवाद के आईने में अपना चेहरा नज़र आने लगा तो वह तिलमिला उठा और अब वह मुल्क के हिन्दू भाइयों को गुमराह करने लगा है.
संघ हिन्दू भाइयों को समझाने में लगा है कि संघ के लोग कुछ भी करें उनके खिलाफ़ कारवाई नहीं की जा सकती, इसलिए के संघ पर कारवाई का मतलब हिन्दू धर्म पर हमला है।
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