Thursday, March 21, 2013

आजमगढ़ की अंजुम आरा

आजमगढ़ की अंजुम आरा ने देश की दूसरी मुस्लिम महिला आईपीएस बनने का गौरव हासिल किया है। अंजुम ने साबित किया है कि कठिन परिश्रम और पक्के इरादे हों तो कोई भी राह मुश्किल नहीं होती। उनके पैतृक गांव कम्हरिया में जश्न का माहौल है। इसके पहले मुंबई की रहने वाली गुजरात कैडर की सारा रिज़वी पहली मुस्लिम महिला आइपीएस बनीं थी।

अंजुम हालांकि शहर में पढ़ी नहीं लेकिन उनके पिता अयूब शेख की शिक्षा-दीक्षा इसी गांव में हुई। वर्ष 1985 में पिता अयूब को ग्रामीण अभियंत्रण सेवा में अवर अभियंता की नौकरी मिली। पहली तैनाती सहारनपुर हुई तो वह वहीं बस गए। सहारनपुर में ही जन्मी अंजुम अपने भाइयों-बहनों में दूसरे नम्बर की है। अंजुम की प्राथमिक शिक्षा गंगोह स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में हुई, इंटर सहारनपुर व स्नातक और बीटेक लखनऊ से किया। उसके बाद वह प्रशासनिक सेवा की तैयारियों में जुट गयी। कड़ी मेहनत के बाद उन्होंने आइपीएस-2011 बैच की परीक्षा उत्तीर्ण कर अपना मुकाम हासिल किया। अंजुम आरा को हिंदुस्तान की दूसरी मुस्लिम आइपीएस बनने का गौरव हासील हुआ है। 

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