नहीं थे विनाश के हथियार
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हाल में आई एक रिपोर्ट में कहा गया कि सद्दाम हुसैन के पास व्यापक विनाश के हथियार नहीं थे और इराक पर हमला सिर्फ दो इराकी जासूसों के झूठे दावे के आधार पर किया गया था। हमले से पहले ही उच्च अधिकारियों ने इस बात की जानकारी भी दे दी थी। इसे अब तक की सबसे बड़ी खुफिया नाकामियों में से एक माना जा रहा है। ये दो जासूस थे रफीक अहमद अलवाद और मोहम्मद हारिस। दरअसल, इन दोनों जासूसों ने पाला बदलकर झूठ बोला था।
बॉक्स में आंकडे़
- एक लाख 16 हजार से ज्यादा इराकी नागरिक मारे गए
- नाटो गठबंधन सेना के 4800 से ज्यादा जवानों की भी मौतें हुईं
- 50 लाख से ज्यादा इराकी नागरिकों का पलायन हुआ
- अमेरिका को 810 अरब डॉलर ( करीब 44 लाख करोड़ रुपये ) का नुकसान हुआ
- हजारों आम नागरिक और सैनिक हुए घायल। मानसिक तनाव से ग ्रस्त
http://navbharattimes.indiatimes.com/world/europe/death-and-wound-round/articleshow/19073844.cms
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