Thursday, March 21, 2013

देवी का रूप

मैनपुरी जिले के ग्राम ओंग में एक परिवार ने अपने निहित स्वार्थवश आर्थिक लाभ के लिए एक अबोध बालिका (पुष्पा पुत्री राजेंद्र प्रजापति) को अन्न जल का त्याग कराकर देवी का रूप देकर एक झोपडी में बैठा दिया है, इसमें गांव के कुछ लोग विशेषकर पंडित रविन्द्र दीक्षित भी शामिल हैं | यहाँ धर्मान्ध लोगों की भीड़ भी जुटने लगी हे प्रतिदिन हजारों रुपये का चढ़ावा भी आने लगा है, विगत दिन चढ़ावे के पैसों को लेकर परिवार
वालों एवं पंडित के बीच विवाद भी हुआ |लगभग दो महीनों का समय बीत जाने पर भोजन एवं दवा के आभाव में उक्त अबोध बालिका मरणासन्न अवस्था में पहुच चुकी है | कथित देवी के म्रत्यु (समाधी) के बाद इस स्वार्थी परिवारवालों का मंदिर बनाने की भी योजना है ताकि परिवार की आगे आने वाली पीड़ी को निठल्ली कमाई का जरिया बन सके |
मेरी नजर में यह अपने निहित स्वार्थ में अबोध बालिका की हत्या की शाजिस है ! इन विकट परिस्थतियों में बालिका की मृत्यू से पहले शासन एवं प्रशासन को अपने स्तर से कार्यवाई कर अबोध बालिका की जान बचानी चाहिए और धूर्त परिवार-वालों एवं इस घटना को बढावा देने वाले गाँव-वालों पर हत्या की शाजिस के लिए कारवाई होनी चाहिए | ताकि इस तरह की घटनाओं को बढावा न मिले | बड़ा खेद का विषय हे कि इस घटना को महीनों बीतने के वावजूद हमारे जनप्रतिनिधियों, समाज सेवा के नाम पर लाखों रूपए का अनुदान डकारने वाले N G O, समाजसेवी सस्थायों एवं प्रशासन ने अभी तक संज्ञान नहीं लिया | दोस्तों अगर इन प्रस्तिथियों में उक्त बालिका का देहांत हो जाता है तो इसका सबसे ज्यादा दोष किसका होगा ??.......... परिवार का, समाज का, प्रशासन का, जनप्रतिनिधियों का या धर्म-रुपी अफीम बेचनेवाले ठेकेदारों का !

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